दुधारू पशु खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

दुधारू पशुओं का मूल्यांकन उनके दुग्धोत्पादन क्षमता, प्रतिवर्ष बच्चा देने की सामर्थ्य तथा लम्बे, स्वस्थ्य एवं उपयोगी जीवन से किया जाता है। अच्छे दुधारू पशुओं का निम्नलिखित गुणों के आधार पर चुनाव किया जा सकता है:-

दुधारू पशु खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

शारीरिक संरचना

  • दुधारू पशु का शरीर तिकोना अर्थात् आगे से पतला तथा पीछे से चौड़ा होना चाहिए।
  • नथुने खुले हुए जबड़ा मजबूत एवं पेशीवाला
  • ऑखे उभरी एवं चमकदार
  • त्वचा पतली एवं चिकनी तथा पूँछ लम्बी
  • कन्धा शरीर से भली-भाँति जुड़ा हुआ
  • दुधारू गाय की जांघ पतली तथा चौरस एवं गर्दन पतली, लम्बी एवं सुस्पष्ट होनी चाहिए।
  • अधिक चारा खा सके इसलिए पशु का पेट काफी विकसित होना चाहिए।
  • अयन की बनावट समितीय (Symmetrical) उसकी त्वचा कोमल, लचीली एवं चमकदार, बालों से युक्त एवं पशु के शरीर से इसका जुड़ाव पीछे की ओर पिछले पैरों के काफी ऊपर तक होना चाहिए।
  • थन के चारों बाट एक समान लंबे एवं मोटे, एक दूसरे से बराबर दूरी पर होने चाहिए।
  • अयन में दूध की शिराएँ उभरी हुई, टेढ़ी-मेढ़ी तथा अच्छी तरह से विकसित दिखाई देना अच्छे पशु के लक्षण हैं।
दुधारू पशु खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें
दुधारू पशु खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

दुग्ध उत्पादन क्षमता :- खरीदने से पूर्व स्वयं दो-तीन दिन तक दूह कर भली-भाँति परख लेना चाहिए। दुहते समय दूध की धार सीधे गिरना, दुहने के बाद थन सिकुड़ जाना चाहिए।

वंशावली :- यदि पशु की वंशावली के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाय तो उससे गाय की नस्ल एवं उसमें दुग्धोत्पादन क्षमता के बारे में सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

आयु :- सामान्यतः पशुओं की जनन क्षमता 10-12 साल की आयु के बाद सामाप्त हो जाती है। तीसरे-चौथे ब्याँत तक दुग्ध उत्पादन चरम सीमा पर रहता है, जो धीरे-धीरे घटता जाता है। अतः दुग्ध व्यवसाय के लिए दो-तीन दॉत वाले कम आयु के मवेशी अधिक लाभदायक होते है।

स्वास्थ्य :- पशु का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। पशु के स्वास्थ्य के बारे में इधर-उधर से जानकारी भी अवश्य हासिल करनी चाहिए। टीकाकरण एवं अब तक हुई बीमारियों के बारे में सही जानकारी होने से उसके उत्तम स्वास्थ्य पर भरोसा किया जा सकता है।

जनन क्षमता :- आदर्श दुधारू गाय वही होती है, जो प्रतिवर्ष एक बच्चा देती है। पशु खरीदते समय प्रजनन इतिहास अच्छी तरह जान लेना चाहिए। यदि उसमें किसी प्राकर की कमी हो तो उसे नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ये कमियां कई बार बीमारी के कारण तथा कई बार वंशानुगत भी होते है। इसके चलते भविष्य में समय से पाल न खाने, गर्भपात होने, स्वस्थ बच्चा नहीं जनने, प्रसव में कठिनाई होने इत्यादि कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

देशी गाय की प्रमुख नस्लें

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top