राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम (एन.पी.सी.बी.) का आरम्भ 1976 में किया गया था। इस कार्यक्रम के विविध कार्यकलापों में नेत्रविज्ञान के क्षेत्रीय संस्थान स्थापित करना, चिकित्सा महाविधालयों और जिला अस्पतालों का उन्नयन, सचल नेत्र इकाईयों का विकास, अपेक्षित नेत्रविज्ञानियों की भर्त्ती और विभिन्न नेत्रविज्ञानी सेवाओं का प्रावधान शमिल है।
अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम : बिहार
मोतियाबिन्द का ऑपरेशन गैर सरकारी संस्था के द्वारा भी कराया जाता है। प्रत्येक मोतियाबिन्द का ऑपरेशन के लिए गैरसरकारी संस्था को लेंस रहित के लिए 500/- (पाँच सौ रूपये) एवं लेंस सहित के लिए 750/- (सात सौ पचास रूपये) देने का प्रावधान किया गया है।
ICCE | ECCE/IOL | Phaco | ||
a. | ड्रग्स एंड कांसुमाब्लेस | 150 | 200 | 200 |
b. | टांका | 50 | 50 | 0 |
c. | चश्मा | 125 | 125 | 125 |
d. | यातायात/ पी. ओ. एल | 100 | 100 | 100 |
e. | संस्थान/प्रसार | 75 | 75 | 75 |
f. | आई.ओ.एल., विस्कोलोस्टिक & अतिरिक्त दवा का सेवन | 0 | 200 | 250 |
Total | 500 | 750 | 750 |
समेकित बाल विकास के कार्यकताओं एवं आशा को प्रत्येक मोतियाबिन्द मरीज को ऑपरेशन स्थल पर लाने एवं ऑपरेशन उपरान्त रहने पर प्रोत्साहन राशि के रूप में उन्हे कुल 175/- रूपये प्रति मोतियाबिन्द मरीज की दर से राशि भुगतेय होगी। मोतियाबिन्द ऑपरेषन हेतु निधारित राषि में यातायात, ईधन एवं प्रचार प्रसार की राषि से भुगतेय होगी।