नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है । मां दुर्गा के नौ रुप नीचे दिये जा रहे हैं –
प्रथम शैलपुत्री , द्वीतिय ब्रह्मचारिणी ।
तृतीय चंद्रघंटेति , चतुर्थ कूष्माण्डा ।
पंचम स्कंदमातेति , षष्टं कात्यायनी च ।
सप्तं कालरात्रेति , अष्टं महागौरी च ।
नवम् सिद्धिदात्रि ।
1)शैल पुत्री – हिमालय पुत्री ( पार्वती , दुर्गा )
2) ब्रह्मचारिणी – शांति रुप ।
3) चंद्रघण्टा – रौद्र रुप ।
4) कूष्माण्डा – खुशी का रुप ।
5) स्कंदमाता – आग की देवी ।
6) कात्यायनी – कात्यायन रुप ।
7) कालरात्रि – मां काली का रुप ( भयंकर ) ।
8) महागौरी – पवित्र स्वरुप ।
9) सिद्धदात्री – ज्ञान रुप ।
मां दुर्गा सात बहनें हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं –
1) दुर्गा – सिंहवासिनी ।
2) हिंगलाज देवी ।
3) जेठी ज्वाला जी ।
4) लुगासना देवी ।
5) नैना देवी ।
6) तारा देवी ।
7) शूलिनी ।
वैसै तो मां दुर्गा के 108 रुप हैं जिन्हें धारण कर मां ने महिषासुर की सेना का संहार किया था, लेकिन महिषासुर को मारने में मां के यही नौ रुप काम आए थे। इसलिए मां के केवल नौ रुपों की हीं पूजा की जाती है । नौ दिन की पूजा के बाद अगले दिन दशमी तिथि आती है जिसे हम दशहरा कहते हैं । मां की पूजा करने का मंत्र ब्रह्मा जी ने अपने पौत्र मारकण्डेय ऋषि को दिया था । वह मंत्र ” या देवी सर्भवूतेषु ,,,, नमस्यतस्यै ” वाला था जिसका प्रयोग आज भी पुजारी करते हैं ।
यूं तो दशहरा पूरे भारत में मनाया जाता है , पर बंगाल का दशहरा बहुत माना हुआ है । बंगाल में हर सौ कदम पर दुर्गा की मूर्ति आपको रखी हुई मिल जाएगी , जिसमें मां दुर्गा महिषासुर को भाले से मारती हुई नजर आती हैं । मां दुर्गे के साथ साथ मां लक्ष्मी , सरस्वती , गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां भी रखी रहती हैं । इनकी भी पूजा अर्चना की जाती है । बंगाल का दशहरा देखने दूर दूर से लोग आते हैं । बंगाल के दशहरा के बाद गुजरात का दशहरा भी बहुत प्रसिद्ध है । गुजरात में डांडिया व गरबा नृत्य किया जाता है ।
सर्व प्रथम दुर्गा की पूजा भगवान राम ने समुद्र तट पर किया था । दशहरा को विजय दशमी भी कहा जाता है । इसी दिन राम ने रावण पर विजय पायी थी । इस दिन को रावण दहन होता है । यह पर्व अच्छाई की बुराई पर जीत के रुप में मनाया जाता है । हमें संकल्प लेना होगा कि हम इस दिन बुराई रुपी रावण को हमेशा के लिए जला देंगे । पर वास्तव में ऐसा होगा ? नहीं , ख्वाब में ऐसा होगा । और ख्वाब देखने में बुराई क्या है ?
मां दुर्गा के कल्याणकारी सिद्ध मन्त्र | Maa Durga ke kalyankari mantra in Hindi