दस प्रमुख अवतारों में से एक है कल्कि अवतार

अब तक नौ प्रमुख अवतार भगवान के हो चुके हैं । ये अवतार हैं – मत्स्य अवतार , कुर्मावतार , वाराह अवतार , नरसिंह अवतार , वामन अवतार , परशुराम अवतार , राम अवतार , कृष्ण अवतार और बुद्ध अवतार । दसवां अवतार कल्कि अवतार है , जो कि अभी होना है । ये अवतार तब होते हैं , जब धरती पर पाप , अनाचार असह्य हो उठता है । गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं –

यदा यदा धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत: ,
अभियुत्थानम् धर्मस्य तादात्मानं सृजाम्यहम् ।

तुलसीदास ने इसी बात को अपनी रचना ‘ राम चरित मानस ‘ में इस प्रकार लिखा है –

जब जब होई धरम के हानि ,
बाढ़हिं असुर महा अभिमानी ,
तब तब धरि प्रभु विविध शरीरा ,
हरहिं कृपानिधि सज्जन पीरा ।

अर्थात् जब धरम का ह्रास होने लगता है , जब आसुरी प्रवृतियां सज्जनता पर हाॅवी होने लगती हैं , तब भगवान नाना रूपों में इस धरती पर अवतरित हो सज्जन लोगों की पीड़ा हरण करते हैं ।

दसवां अवतार कल्कि अवतार कहलाएगा , जो सम्भल में होगा । उनका जन्म ब्राह्मण परिवार में होगा । पिता का नाम विष्णुयश होगा । कल्कि पुराण में लिखा है –

सम्भल ग्राम मुख्यस्य महात्मन: भवनेविष्णुयशस: कल्कि
प्रादुर्भाविष्यति ।

भगवान कल्कि के पास एक सफेद घोड़ा होगा । घोड़े का नाम देवदत्त होगा । उनकी माता का नाम सुमति । तीन भाई होंगे , जिनके नाम सुमंत , प्राज्ञ व कवि होगा । उनके पुरोहित याज्ञवलक्य व गुरू परशुराम होंगें । कल्कि भगवान की दो पत्नियां होंगी । पहली का नाम लक्ष्मी रुपा पद्मा व दूसरी का वैष्णवी शक्ति रूपा रमा होगा । कल्कि भगवान के चार पुत्र – जय, विजय , मेघमाल और बलाहक होंगे । भगवान का रंग गोरा होगा , पर क्रोधित होने पर काला हो जाएगा ।

भगवान के हाथ में नंदक तलवार होगा । सांग नाम का धनुष व कुमौदिनी नाम का गदा भी होगा । उनकी सारथि का नाम दारूक होगा । भगवान के पास दो रथ होंगे – जयंत और गारूड़ी । शंख का नाम होगा पांचजन्य । भगवान कल्कि शिव के भक्त होंगे ।

कल्कि अवतार
कल्कि अवतार

वेद प्रकाश उपाध्याय ने शोध कर यह सिद्ध करने की कोशिश की है कि मोहम्मद साहब व भगवान का कल्कि अवतार एक हीं है । मसलन मोहम्मद साहब बहुत सुंदर थे । कल्कि अवतार भी सुंदरता की खान होगा । भगवान कल्कि के शरीर से एक बेहद उम्दा खूश्बू निकलेगी । मोहम्मद साहब के शरीर से भी बहुत खूश्बू निकलती थी । वे जिसे छू देते थे वह कई दिनों तक गमकता रहता था । मोहम्मद साहब के पिता का नाम अब्दुल्लाह था । अब्दुल्लाह का मतलब अल्लाह का बंदा होता है ।

भगवान कल्कि के पिता का नाम बिष्णुयश होगा , जिसका मतलब भी भगवान के यश से प्राप्त हुआ होता है । कल्कि की माता का नाम सुमति होगा , जो कि मोहम्मद साहब की मां आमना का अरबी रूप हीं हैं । इसी प्रकार जहां कल्कि भगवान का जन्म होगा उस जगह का नाम सम्भल होगा । सम्भल मतलब शांति का स्थान । मोहम्मद साहब का जन्म स्थान का नाम दारूल अमन है , जिसका मतलब भी शांति का स्थान हीं होता है ।

सम्भले विष्णु पशसोग्रहे प्रादुर्भावभ्यदम ।

कुछ लोग मुहम्मद साहब को कल्कि का अवतार नहीं मानते । उनका कहना है कि मुहम्मद साहब का जनम 20 अप्रैल 571 को हो चुका है , जब कि कल्कि भगवान का जनम 12 मार्च को होना तय है । फिर वे कहते हैं कि कल्कि पुराण में लिखा है कि पद्मा से जब भगवान कल्कि की शादी होगी तो उनकी मां सुमति बहुत खुश होंगीं । जब मुहम्मद साहब की शादी हुई थी तो उनकी माता पिता की मृत्यु हो गयी थी । मुहम्मद साहब के पास गदा, शंख और धनुष कभी भी नहीं था । गुरू व पुरोहित शब्द से मोहम्मद साहब सर्वथा अनभिज्ञ थे । मोहम्मद साहब कभी रथ पर नहीं बैठे । सबसे अहम बात यह है कि सम्भल जैसे इलाके में 68 तीर्थ स्थलों की बात कही गयी है , जो आज के दौर में कहीं नहीं है ।

ज्ञातव्य है कि सभी अवतार , पैगम्बर , ईश दूत राजतंत्र में आए थे । अब प्रजातंत्र है । बहुत सारी चीजें बदल गयीं हैं । अब तलवार , गदा व धनुष वाण का युद्ध नहीं होता । अब कल्कि भगवान आएंगे भी तो उन्हें तलवार , गदा छोड़कर मिसाईल ,तोप , बंदूक से लड़ना होगा । उन्हें परमाणु युद्ध से हुए सर्वनाश को देखना होगा । कल्कि अवतार से पहले हीं भगवान कल्कि का मंदिर मुरादाबाद , जयपुर , मथुरा , नेपाल , राजस्थान और दिल्ली में बनाया जा चुका है । अब इंतजार है भगवान कल्कि का । वे आएं और दुष्टों का संहार करें । दुनियां में अमन चैन कायम करें ।

यदि भगवान कल्कि का अवतार मोहम्मद साहब के रूप में हो चुका है तो यह और भी अच्छी बात होगी । इसे सोने में सुहागा कहेंगे । इससे दोनों धर्म पास पास आएंगे ।आपसी भाई चारा बढ़ेगा । उनमें सद्भावना बढ़ेगी । हिंदू मुस्लिम दंगे नहीं होगें । दुनिया अमन चैन से जिएगी । लेकिन यह एक ख्वाब है , ख्वाब हीं रहेगा । दोनों तरफ के धर्म के ठेकेदार इन्हें एक नहीं होने देंगे ।

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